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Types Of Solar Panel In Hindi 2022/सोलर पॅनल कितने प्रकार के होते है ?


Types Of Solar Panel In Hindi 2022/सोलर पॅनल कितने प्रकार के होते हे 

sun से मिलने वाली सौर ऊर्जा को हम अपने जीवन में अलग अलग तरीको से इस्तेमाल करते आये हे.जिसमे एक बहोत ही प्रसित्द्व जरिया हे सोलर पैनल सिस्टम। 



बहोत सारे  फोटो वोल्टेइक सेलो का ग्रुप से बनकर एक सोलर पैनल बनता है। एक फोटो वोल्टेइक सेल कम मात्रा में वोल्टेज देता हे , लेकिंग जब बहोत सारे  सेल एक साथ समांतर क्रमो में जोड़ा जाता हे तो उसका वोल्टेज बढ़ जाता है। 


आज हम समझेंगे कि सोलर पैनल के दो मुख्य प्रकार कौन से हैं, और उसमे  से किस पॅनल का चुनाव करे ?

सिलिकॉन नामक तत्व से दुनिया के ज्यादातर सोलर पॅनल बनते हे । सिलिकॉन बहुत ज़्यादा मात्रा में सामान्य बालू याने कि रेती में तो होता ही है।earth पर इस्की कोई कमी नाही होती हे, ऐसे धरती से अलग कण और इसे धरती से अलग करने की प्रक्रिया बहोत महंगी होती है।  सिलिकॉन को धरती से अलग कर उसका शुद्धिकरण करना बहोत जरुरी होता हे, सिलिकॉन अगर pure न हो तो सिलिकॉन किसी काम का नहीं होता है।  


types of solar panel in hindi 2022
types of solar panel in Hindi 2022


सोलर पैनल के प्रकार (Types of solar panel in Hindi):-


सोलर पैनल के मुख्य रूप से चार प्रकार के पैनल मार्केट में सबसे ज्यादा उपलब्ध होते हैं।

1. मोनोक्रिस्टलिन सोलर पैनल (Monocrystalline solar panel )

2. पॉलीक्रिस्टल सोलर पैनल (Polycrystalline solar panel)

3. पैसिव एमिटर एंड रियर सेल (passivated emitter and rear cell PERC)

4. थीन फिल्म सोलर पैनल (Thin film solar panel)

मोनोक्रिस्टलिन सोलर पैनल (Monocrystalline solar panel):-


भारत में सिलिकॉन के दो प्रकार बहोत प्रसिद्ध हे जो के आप को इंडियन मार्किट में आसानी  से देखने को मिल जाते है। 



मोनोक्रिस्टलाइस सोलर पैनल:-यह  सोलर पैनल जिसमे शुद्ध सिलिकॉन एक ही क्रिस्टल की पतली slide से सोलर सेल बनता है। इस सोलर सेल के अंदर एक भी छोटी सी भी खामी नहीं होती हे.Monocrystalline सोलर पैनल का कलर एकदम डार्क ब्लैक होता है। इसे एक सिंगल क्रिस्टल से तैयार किया जाता है। अतः इसे Single crystal solar panel भी कहते है।




पॉलीक्रिस्टलाईन सोलर:- यह सोलर पैनल का दूसरा प्रकार हे जिसके सोलर सेल के अंदर एक नहीं बल्कि अनेको क्रिस्टल होते है। ऐसे सोलर सेल बनाने के लिए इतना ज्यादा खर्चा नहीं लगता जितना ज्यादा खर्चा  मोनोक्रिस्टलाइसे सोलर पैनल बनाने में लगता है। किसी सोलर सेल में अनेक क्रिस्टल होने के कारन सौर्य ऊर्जा का ग्रहण कम हो जाता हे , जिससे कम बिजली निर्माण होता है। 





मोनोक्रिस्टलीने सोलर पैनल के सोलर सेल pure होने के वजह से और खामी रहित क्रिस्टल होने के कारन ,मोनोक्रिस्टल लाइन की सौर्य ऊर्जा consume करने की capacity पोलीक्रिस्टल लाइन सोलर पैनल से अधिक होती है। 




मोनोक्रिस्टलाईन पैनल वाली सिस्टम लगाने के मुख्य फ़ायदे यह हैं
:


१ )मोनोक्रिस्टलाईन पैनल ज्यादा करंट सप्लाई देती है। 
२ )मोनोक्रिस्टलाईन पैनल  बैटरी चार्ज करने में बहोत ही कम टाइम लगता है। 
३ )मोनोक्रिस्टलाईन पैनल  को छत पर लगाने का खर्च काम होता है। 
४ )मोनोक्रिस्टलाईन पैनल का रौशनी में भी अच्छा काम करते है। 


मोनोक्रिस्टलाईन पैनल वाली सिस्टम लगाने के मुख्य नुकसान यह हैं
:


१ ) पर मोनोक्रिस्टलाईन सोलर पैनल की कीमत पॉलीक्रिस्टलाईन सोलर पैनल से ज़्यादा होती है.



अगर आपका बजट मोनोक्रिस्टलाईन पैनल वाली सिस्टम लगाने का हो तो आपको जरूर मोनोक्रिस्टल पैनल लगवाना चाहिए। लेकिन अगर आपको बजट मोनोक्रिस्टल पैनल के बजाए पॉलीक्रिस्टलाईन सोलर पैनल सिस्टम लगवाना चाहते हो क्युकी आपका बजट मोनोक्रिस्टल लाइन पैनल जैसे महंगा पैनल लगवाने का नहीं हे तो आप पॉलीक्रिस्टलाईन सोलर पैनल लगवा सकते हे.



पोलीक्रिस्टल लाइन सोलर पैनल खरीदने से पहले कुछ बातो का ध्यान जरूर रखे ,
जैसे आप किस कंपनी से सिस्टम ले रहे हे. कंपनी पूरी तरह से ट्रस्टेड हे या नहीं ,  सिस्टम 
 लगवाते समय सिस्टम सहीसे लगवाया गया या नहीं यह जांच ले।